नील्स बोर की परिकल्पना

नील्स बोर की परिकल्पना
वैज्ञानिक नील्स बोर की तीन परिकल्पनाए निम्नानुसार है –
1. बोर की प्रथम परिकल्पना –
बोर के अनुसार परमाणु मे इलेक्ट्रॉन e के लिए आवश्यक अभिकेंद्रीय बल कूलाम बल से प्राप्त होता है।
चित्र मे Ze परमाणु का नाभिक है, Z परमाणु क्रमांक है, r त्रिज्या एवम m इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान है।
अर्थात
अभिकेंद्रीय बल = कूलाम बल
2. बोर की द्वितीय परिकल्पना –
बोर के अनुसार स्थायी कक्ष मे इलेक्ट्रॉन के रहने के लिए उसका कोणीय संवेग का पूर्ण गुणज होना चाहिए। इसे क्वान्टम प्रतिबंध भी कहते है।
3. बोर की तीसरी परिकल्पना –
इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा:-
जब कोई इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारो ओर वृत्ताकार पाठ मे गति करता है तो उसमे निम्न दो ऊर्जाए पाई जाती है –
- गतिज ऊर्जा
- स्थितिज ऊर्जा
अतः कूल ऊर्जा = स्थितिज ऊर्जा + गतिज ऊर्जा
1) गतिज ऊर्जा –
इलेक्ट्रॉन की गति के कारण संबंध ऊर्जा को गतिज ऊर्जा कहते है।
2) स्थितिज ऊर्जा –
नाभिक के विधयुत क्षेत्र मे इलेक्ट्रॉन की स्थितिज ऊर्जा को विधुतीय स्थितिज ऊर्जा कहते है।
(जब स्थितिज ऊर्जा नेगेटिव होती है तो यह स्थायित्व को दर्शाती है तथा यह स्थितिज ऊर्जा का मान गतिज ऊर्जा का दुगुना होता है।)
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जी, बहुत जल्दी ही।